Patna:कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के कहर से बच्चों को बचाने के लिए देश के तमाम राज्यों की तरह बिहार सरकार (Bihar Government) ने भी सभी स्कूलों को बंद कर दिया. स्कूलों के बंद होने के साथ, बच्चों को मिलने वाले मिड-डे मील (Mid-Day Meal) का वितरण भी बंद हो गया. इससे उन बच्चों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई, जो मिड-डे मील की आस में स्कूलों में पढ़ाई के लिए जाते थे. जब इन बच्चों से अपनी भूख बर्दाश्त हुई, तो इन्होंने जिंदा रहने के लिए कूड़ा बेचना शुरू कर दिया. अब ये बच्चे रोजाना कूड़े से प्लास्टिक बीनते हैं और उसको बेचकर जो दस-बीस रुपए आते हैं, उससे वह अपना पेट भरते हैं.
बड़बिल्ला गांव के मुसहरी टोला की बात करें तो यह एक महादलित बस्ती है. यहां के बच्चे बताते हैं कि वह शुक्रवार को कभी स्कूल जाना नहीं भूलते थे. क्योंकि शुक्रवार को उन्हें स्कूल में खाने के लिए अंडा मिलता था. इसके अलावा खाने में रोटी, सब्जी, दाल, चावल और सोया भी मिलता था. बेहद मायूसी से ये बच्चे बताते हैं कि स्कूल को बंद हुए तीन महीने से ज्यादा का समय हो गया है. स्कूल बंद होने के साथ हमें मिड-डे मील मिलना भी बंद हो गया. इसी बस्ती में रहने वाली माया देवी बताती हैं कि करीब एक महीने पहले प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कुछ सरकारी बाबू उन्हें 5 किलो चावल, गेहूं और एक किलो दाल दे गए थे. इसके बाद से वहां कोई नहीं आया है.
सर्वेक्षण में 48.3 फीसदी बच्चे पाए गए थे कुपोषित
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार में ये हालात तब हैं जब सूबे में कुपोषण का शिकार होने वाले बच्चों का प्रतिशत करीब 48 है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार, बिहार में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में 48.3 प्रतिशत बच्चे अंडरवेट हैं, जबकि 43.9 प्रतिशत बच्चे कुपोषित या अविकसित पाए गए थे. बिहार की तुलना राष्ट्रीय औसत से करें तो वह 38.4 और 35.7 प्रतिशत फीसदी है. बच्चों के बेहतर पोषण और शारीरिक विकास के लिए सरकार की तरफ से सभी सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील की योजना को शुरू किया गया था. वहीं, लॉकडाउन के बाद इस योजना के तहत मिलने वाला भोजन बच्चों तक नहीं पहुंच रहा है.
बच्चों के खातों में भेजी जा रही है राशि: जिला प्रशासन
इस बाबत, जिला प्रशासन का कहना है कि सरकार की योजना के तहत मिड-डे मील की जगह नगद राशि बच्चों या उनके अभिभावकों के खातों में सीधे भेजी जा रही है. प्रशासन का कहना है कि इस बाबत सरकार की तरफ से 14 मार्च को आदेश जारी किए गए थे. इस आदेश के बाद से बच्चों या अभिभावकों के खातों में राशि भेजी जा रही है. पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा के छात्रों में 15 दिन के लिए 114.21 रुपए भेजे जा रहे हैं. वहीं, कक्षा 6 से 8 के बच्चों के लिए इसी अवधि के लिए 171.11 रुपए स्थानांतरित किए जा रहे हैं.